भविष्य की बेहतर और स्थायी दुनिया बनाने हेतु गांधीजी के सिद्धांतों के आधार पर अपने अभिनव समाधान / विचार साझा करें।
इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाई जा रही है। वह न केवल एक महान नेता और समाज सुधारक थे बल्कि एक उत्कृष्ट नवोन्मेषक भी थे, जिनके रचनात्मक और प्रगतिशील विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
इस चुनौती का लक्ष्य बापू के जीवन जीने के तरीके व विचार को देश के छात्रों तक पहुँचाना है। हमारा उद्देश्य है कि छात्र अपने नूतन व प्रगतिशील विचारों को व्यक्त करने के लिए महात्मा गांधी के सिद्धांतों को पढ़ें और समझें।
महात्मा गांधी सामाजिक न्याय, अहिंसा, आत्मनिर्भरता और समानता के प्रबल समर्थक थे। अफसोस की बात है कि आज पूरी दुनिया इन सिद्धांतों से दूर होकर एक समावेशी समाज के बजाय एक विशिष्ट समाज की दिशा में बढ़ रही है।
आज दुनिया कई समस्याओं का सामना कर रही हैं, जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग, बढ़ती हिंसा की घटनाएं और असहिष्णुता। इस मुश्किल घड़ी में हम अपने समृद्ध अतीत से सीख लें और सोचें कि कैसे गांधीजी के मूल्यों का इस्तेमाल कर एक नई दुनिया बनाई जाए, एक ऐसी दुनिया जो प्यार, सद्भाव, शांति और न्याय से परिपूर्ण हो।
तो आइए, साथ मिलकर एक उज्जवल और बेहतर भविष्य के निर्माण की दिशा में कुछ नया करें!
नई दुनिया के निर्माण हेतु अपने विचार साझा करें। एक ऐसी दुनिया जो आपके सपनों और महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर आधारित हो।
आइए, अब बापू के विचारों और दर्शनों की मदद से मौजूदा दुनिया की समस्याओं का समाधान निकाल कर अपने सपनों की एक दुनिया बनाएँ!
आप अपने विचार शब्दों के जरिए भी प्रकट कर सकते हैं या इसे पेंट कर इसका एक प्रोटोटाइप बना सकते हैं या अपने विचार को व्यक्त करने के किसी अन्य तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रविष्टि के प्रारूप के संबंध में कुछ उदाहरण और विवरण नीचे दिए गए हैं।
कोई भी सिद्धांत या विचारधारा जिसे गांधीजी देश और मानव जाति के कल्याण के लिए आवश्यक मानते थे।
भविष्य की एक ऐसी दुनिया जिसकी कल्पना आप आज की दुनिया से बेहतर करते हैं। आप आज की किसी भी एक या कई समस्याओं के समाधान हेतु आउट ऑफ द बॉक्स सोच सकते। आप अपने विचारों व सुझावों को कई तरीकों से साझा कर सकते हैं। इसका विवरण नीचे दिया गया है।
दुनिया की मौजूदा किसी समस्या के समाधान हेतु इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीक का इस्तेमाल कर एक प्रोटोटाइप बनाएं।
याद रखें – अभिनव व अनोखे समाधान ही स्वीकार किए जाएंगें
अपने सुझावों में गांधीजी के सिद्धांतों और विचारधाराओं को शामिल करें और / या उनका इस्तेमाल जरूर करें।